जो आग होना चाहते हैं / सुलगते हैं बरसो / यह जानकर भी / कि राख हो जाएँगे!
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रविवार, 26 अगस्त 2012
क्यूँ पुकारना ?
क्यूँ पुकारना
ना
ना यूँ
पुकार - ना
सुनता नहीं जब कोई
क्यूँ पुकारना ?
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