जो आग होना चाहते हैं / सुलगते हैं बरसो / यह जानकर भी / कि राख हो जाएँगे!
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सोमवार, 17 जुलाई 2017
तुम,
तुम,
पानी ने
किया प्रेम और
मीठा हो गया
आग,
तुम क्या हुई
नफरत करके !
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