जो आग होना चाहते हैं / सुलगते हैं बरसो / यह जानकर भी / कि राख हो जाएँगे!
क्या बात है बस इतनी सी .....
इसके सिवा कुछ भी नहीं
प्रिय श्रीक्षीरसागरजी,धूप के साथ रेत हँसती है, बहुत बढ़िया हाइकू, आपको ढेरों बधाई ।मार्कण्ड दवे।
majabuurii hai, ro kar bhii kyaa fayada.sundar.
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4 टिप्पणियां:
क्या बात है
बस इतनी सी .....
इसके सिवा कुछ भी नहीं
प्रिय श्रीक्षीरसागरजी,
धूप के साथ रेत हँसती है,
बहुत बढ़िया हाइकू, आपको ढेरों बधाई ।
मार्कण्ड दवे।
majabuurii hai, ro kar bhii kyaa fayada.
sundar.
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