गुरुवार, 9 सितंबर 2010

रूदन

रूदन
एक गैरमामूली हरकत है
इसका इस्‍तेमाल .जरा बेबसी
और तनहाई में ही किया करें


मॉं याद आए तो देख लें किसी भी
औरत का चेहरा
बहन याद आए तो देख लें किसी भी
औरत का चेहरा
बेटी याद आए तो देख लें किसी भी
‍औरत का  चेहरा


फिर भी न रूके रूलाई तो ची.ख-ची.खकर रोए बेधडक
दहाडे मारते देखेंगी दुनिया तो
आस-पास जमा होंगी औरतें ही
उन्‍हीं में मिल जाएगा कोई चेहरा
मॉं जैसा
बहन जैसा
बेटी जैसा
              ******

2 टिप्‍पणियां:

शरद कोकास ने कहा…

रूदन पर एक अच्छे कविता

The guy sans voice ने कहा…

अद्भुत बड़े भाई !!!! साधुवाद !!!

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